Tuesday, July 29, 2008

एक आवाज़ ही तो दब गयी..



वायस ऑफ़ इंडिया 2007 के विजेता इश्मीत सिंह की स्वीमिंग पूल में डूबकर मौत।


यही सब कुछ चल रहा था बाकि न्यूज़ चैनल्स पर, ज्योंहि मैंने इस ख़बर को देखा मानो कुछ जम सा गया. मुझे कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था की क्या ये वही इश्मीत है या कोई और, यकीन नहीं हो पा रहा था की ये वही इश्मीत है जिसकी आवाज़ टीवी चैनलों पर गूंजा करती थी. मुझे सचमुच कुछ नहीं समझ में आ रहा था. मैं कुछ पलों का लिए बिल्कुल सुन्न हो गया. साँस लेने में तकलीफ महसूस होने लगी, मैंने कुछ लम्बी साँसे खीची. इसके बाद कुछ ठीक लगा. सभी चैनलों पर ये ख़बर गूँज रही थी. मैंने सोचा अपने चैनल में भी चलना चाहिए, लेकिन एक शंका थी की यार अपना चैनल तो बिज़नस चैनल है ये ख़बर हमारे किस काम की. लेकिन मुझसे रहा नहीं गया, थोड़ी देर बाद मैंने अपने बॉस से जाकर पूछा " सर, इश्मीत वाली ख़बर फ्लैश कर दूँ?" सर को देखकर ऐसा लगा की चाहते तो वो भी हैं लेकिन कहीं कुछ अटक सा जा रहा है. अंततः सर ने कहा," फ्लैश नहीं, टिकर में डाल दो" मैंने सोचा चलो पट्टी में ही सही इश्मीत को जगह तो मिल जायेगी अपने चैनल पर. मैं आकर अभी टाइप कर ही रहा था की पीछे से आवाज़ आयी, " अभिषेक, रहने दो"

शायद किसी ने सोचा होगा की इसमे किसीके मुनाफे और घाटे से जुडी कोई चीज तो है नहीं. सही बात है किसीका क्या गया. गया तो सिर्फ़ इश्मीत. सेंसेक्स ऊपर नीचे होता तो कोई बात होती, यहाँ तो एक गायक मरा था जिसके स्वर ऊपर नीचे होकर लाखों लोगों के दिलों के तार को झंकृत कर देते थे. थोड़ी सी संवेदना ही तो पिघली थी. एक साँस ही तो घुट गयी होगी. एक आवाज़ ही तो दब गयी..

4 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

सच मुच इश्मीत सिँह की मृत्यु का समाचार सुन कर बहुत दुख हुआ।वह अपनें माता-पिता का इकलोता बेटा था।प्रभु उन को यह दुख सहनें की ताकत दे।

Udan Tashtari said...

समाचार सुन कर बहुत दुख हुआ-ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे.

L.Goswami said...

bhagwan inki aatma ko satni pradan kare.

बालकिशन said...

बहुत ही दुखद.क्या कहें?
प्रोग्राम देखते -देखते इश्मित मेरा पसंदीदा गायक हो गया था.
मुझे तो अब भी विश्वास नही हो रहा है.