ब्लॉग पर लिखे हुए बहुत दिन हो गया था। मैं ऐसा नहीं कहूँगा की वक्त की कमी थी बल्कि सीधे शब्दों में कहें तो कुछ सूझ ही नहीं रहा था। एक तरफ़ नौकरी खोजने की कवायद तो दूसरी तरफ़ धूम मचाता दनादन क्रिकेट आईपीएल .नौकरी खोजता रहा और आईपीएल देखता रहा है. नौकरी की ज़ंग तो मैंने जीत ली और क्रिकेट की राजस्थान रोयाल्स ने। इस बीच वाकई कुछ लिखने को याद नही रहा लेकिन ऐसा नहीं था मेरे अन्दर कुछ चल नहीं रहा था। इस बीछ मैंने कई सारे बदलावों को महसूस किया जिनसे मैं इत्तेफाक नहीं रखता था। मसलन आईपीएल का हिट ही नहीं बल्कि सुपर हिट हो जाना। कुछ ऐसे चेहरों का अचानक चमक जाना जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था शायद उन्होंने भी नहीं जिन्हें क्रिकेट के इस रूप ने सब कुछ दिया, पैसा, शोहरत, नाम , पहचान, और platform . एक शक भी डूब गया की ..यार इस लीग क्रिकेट का होगा क्या इंडिया में। सारी गलतफहमियां मैच से दूर हो गयीं। शायद बहुत से लोगों को नहीं पता final के साथ-साथ किला फतह करने वाली राजस्थान की टीम में एक भी प्लेयर राजस्थान की मिटटी का नहीं था.... लीग चल निकला ...
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